ग्राहकों से मेंटेनेस के साथ कई तरह के चार्ज वसूलते हैं बैंक, आपके भी कटे होंगे पैसे, देखें किन बातों के कटते हैं पैसे

क्या आपने कभी सोचा है कि आपके बैंक खाते से हर महीने कुछ पैसे अपने आप कट जाते हैं? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। कई बैंक अपने ग्राहकों से विभिन्न प्रकार के शुल्क लेते हैं, जिनमें मेंटेनेंस चार्ज, लेनदेन शुल्क और अन्य कई शुल्क शामिल हैं।

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Written by Praveen Singh

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ग्राहकों से मेंटेनेस के साथ कई तरह के चार्ज वसूलते हैं बैंक, आपके भी कटे होंगे पैसे, देखें किन बातों के कटते हैं पैसे
Minimum Balance Maintenance Charge

बैंक अकाउंट आज के समय में हर व्यक्ति के लिए अनिवार्य हो गया है। प्राइवेट और सरकारी दोनों ही बैंकों द्वारा बैंक अकाउंट को सही से मैनेज करने के लिए विभिन्न चार्ज वसूले जाते हैं। इनमें से सबसे प्रमुख है मिनिमम बैलेंस मेंटेनेंस चार्ज। हालांकि, इसे लेकर अक्सर यह गलतफहमी होती है कि केवल निजी बैंक ही इस तरह के चार्ज लगाते हैं, जबकि सरकारी बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं हैं।

मिनिमम बैलेंस मेंटेनेंस चार्ज

सरकारी और प्राइवेट दोनों ही बैंकों द्वारा Minimum balance maintenance न करने पर चार्ज वसूला जाता है। उदाहरण के लिए, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) भी पहले इस तरह के चार्ज वसूलती थी, लेकिन वर्ष 2019-20 में भारी आलोचनाओं के बाद इसे बंद कर दिया गया। फिर भी देश के कुल 12 सरकारी बैंक अब भी विभिन्न प्रकार के चार्ज लगाते हैं।

बैंक चार्ज से होने वाली कमाई

पिछले पांच वर्षों में सरकारी बैंकों ने विभिन्न प्रकार के चार्ज और जुर्माने से 8500 करोड़ रुपये की कमाई की है। इनमें से टॉप-5 बैंक जो सबसे ज्यादा चार्ज वसूलते हैं, वे हैं:

  1. पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
  2. बैंक ऑफ बड़ौदा
  3. इंडियन बैंक
  4. केनरा बैंक
  5. बैंक ऑफ इंडिया

इनके अलावा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक सहित अन्य सरकारी बैंक भी चार्ज वसूलते हैं।

मिनिमम बैलेंस चार्ज के तरीके

सरकारी बैंक मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर तिमाही या मासिक आधार पर चार्ज वसूलते हैं। बचत खाते (Saving Account) पर यह चार्ज 100 रुपये से 250 रुपये तक हो सकता है, जबकि चालू खाते (Current Account) पर 400 से 600 रुपये तक चार्ज लगाया जाता है।

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अन्य चार्ज

मिनिमम बैलेंस मेंटेनेंस के अलावा भी कई अन्य प्रकार के चार्ज बैंकों द्वारा वसूले जाते हैं, जैसे:

  • कई बैंक अपने ATM से पैसे निकालने या अन्य बैंकों के ATM का उपयोग करने पर शुल्क लेते हैं।
  • यदि आप चेकबुक का उपयोग करते हैं, तो बैंक आपको चेकबुक जारी करने के लिए शुल्क ले सकता है।
  • कुछ बैंक ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाओं के लिए शुल्क लेते हैं, हालांकि यह अधिकांश बैंकों में मुफ्त है।
  • यदि आपके पास डीमैट खाता है, तो ब्रोकरेज हाउस या बैंक आपसे डीमैट खाता रखरखाव शुल्क ले सकता है।
  • जब आप बैंक से लेटर ऑफ गारंटी लेते हैं, तो बैंक आपसे इसके लिए शुल्क लेगा।
  • ओवरड्राफ्ट लिमिट से ज्यादा पैसा निकालने पर।
  • समय पर लेंस शीट सबमिट न करने या पेपर रिन्यूअल में देरी पर।

बैंक अकाउंट का सही से मैनेजमेंट और बैंक चार्ज के बारे में जानकारी होना आज के समय में बेहद जरूरी है। सरकारी और प्राइवेट दोनों ही बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले चार्ज से बचने के लिए बैंक की शर्तों और नियमों को समझना महत्वपूर्ण है। इससे न केवल आप अनावश्यक खर्चों से बच सकते हैं, बल्कि अपने वित्तीय संसाधनों का सही उपयोग भी कर सकते हैं।

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