RBI Action: 8 अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महाराष्ट्र और गुजरात के दो सहकारी बैंकों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। नियमों के उल्लंघन के चलते इन बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है, जिसकी जानकारी आरबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4) (i), धारा 56 और 47 ए (1)(सी) के तहत लगाया गया है।
इन बैंकों पर लगा जुर्माना और उसकी वजह
- सुवर्णयुग सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे: इस बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। RBI के अनुसार, बैंक ने अपने ग्राहकों के केवाईसी (Know Your Customer) दस्तावेजों को निर्धारित समय सीमा के भीतर अपडेट नहीं किया था। केवाईसी प्रक्रिया बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने और धन शोधन जैसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
- निधि सहकारी बैंक लिमिटिटेड, अहमदाबाद: इस बैंक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने ऐसे संस्थानों/व्यक्तियों को लोन दिया था जिनमें निदेशकों के रिश्तेदार गारंटर थे। यह लोन देने का एक गंभीर उल्लंघन है क्योंकि इससे बैंक के लोन देने के मानदंडों का उल्लंघन होता है और लोन वसूली में भी मुश्किलें पैदा होती हैं।
आरबीआई की कार्रवाई और उसके कारण
RBI ने दोनों बैंकों का वैधानिक निरीक्षण किया था और इन का पता चला था। इसके बाद बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद जुर्माने का निर्णय लिया गया।
आरबीआई द्वारा यह कार्रवाई क्यों की गई?
- RBI का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में विनियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना है।
- केवाईसी नियमों का पालन न करने से बैंकिंग धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए RBI ने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए यह कार्रवाई की है।
- इस तरह की कार्रवाई से बैंकिंग व्यवस्था में विश्वास बहाल होता है और अन्य बैंकों को भी नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव
RBI ने यह स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई का असर बैंक और उनके ग्राहकों के बीच हो रहे लेनदेन या अन्य एग्रीमेंट पर नहीं पड़ेगा। यह कार्रवाई सिर्फ विनियामक अनुपालन में पाई गई कमियों पर आधारित है, जिससे ग्राहकों की सेवाओं में कोई बाधा नहीं आएगी।
यह कदम RBI द्वारा सहकारी बैंकों के संचालन में पारदर्शिता और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है। इस प्रकार की कार्रवाई बैंकों को अपने संचालन में सतर्कता बरतने और नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों का विश्वास बना रहता है।